गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को बाहर करने के बाद राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर उसे फिर से शामिल करने मांग की थी। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल की सीएम को चिट्ठी लिखकर जवाब दिया है। राजनाथ सिंह ने ममता को चिट्ठी लिखकर कहा कि इस बार 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है।

दरअसल, ममता ने स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को खारिज करने पर हैरानी जताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान की स्मृति में बनाई गई थी। ममता को केंद्र का जवाब राजनाथ सिंह ने चिट्ठी में लिखा है, ‘हमारी सरकार ने ही 1943 में नेताजी के नेतृत्व में बनी भारत की निर्वासित सरकार की 75वीं वर्षगांठ 2018 में भव्य रूप से मनाई थी और गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सेनानियों को शामिल कर सम्मानित भी किया था।

सीपीबल्यूडी की झांकी में भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है। यह इस तथ्य का साक्षी है कि देश महान नेता सुभाष चंद्र बोस की जयंती को प्रमुखता दे रहा है।’ चिट्ठी में रक्षा मंत्री ने कहा कि इसी भावना को ऊपर रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में घोषित किया है। अब हर बार से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त होगा।राजनाथ ने झाकियों के चयन में पारदर्शिता की बात कहते हुए कहा कि परेड में भाग लेने वाली झाकियों की चयन प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है।

कला, संस्कृति संगीत और नृत्य विधाओं के प्रख्यात विद्वाानों की समिति राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के भेजे गए प्रस्तावों के कई दौर के मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है। इसी प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल की झांकी को 2016, 2017, 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था।