Monday, October 20, 2025
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Omicron Variant: भारत में इस तारीख तक आएगा कोरोना की लहर का पीक, IIT स्टडी का दावा

आर-वैल्यू बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर-वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से एक और व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है.

भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल तीन लाख छह हजार के करीब केस आए हैं, जबकि रविवार को कोरोना के कुछ 3 लाख 33 हजार मामले सामने आए थे. ऐसे में अधिकतर विश्लेषकों का मानना है कि भारत में कोरोना की लहर पीक पर आ चुकी है. लेकिन इसी बीच आईआईटी मद्रास से भी एक राहत भरी खबर सामने आई है. आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के विश्लेषकों के मुताबिक, लगातार दूसरे हफ्ते भारत की आर-वैल्यू में गिरावट दर्ज की गई है.  भारत में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की दर बताने वाली ‘आर-वैल्यू’ 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच और कम होकर 1.57 रह गई है.

R Value Exceeds 2 In Delhi And Mumbai Indicating Faster Spread Of  Coronavirus Amid Sharp Rise In Cases And Omicron Fear - Coronavirus: दिल्ली  और मुंबई में आर वैल्यू ने पार किया
R – value decrease

शोधकर्ताओं के विश्लेषण के अनुसार, अगले 14 दिनों में 6 फरवरी तक कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों का पीक आने की संभावना है. इससे पहले पूर्वानुमान जताया गया था कि 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच तीसरी लहर का चरम आएगा.

क्या है आर-वैल्यू (What Is R-Value)?

आर-वैल्यू बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर-वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से एक और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की आर-वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों को संक्रमित कर सकता है. आईआईटी मद्रास के विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच 4 और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी.

यह विश्लेषण आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में किया गया था. आंकड़ों के मुताबिक मुंबई की आर-वैल्यू 0.67, दिल्ली की 0.98, चेन्नई की 1.2 और कोलकाता की 0.56 थी.

IIT मद्रास

आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने बताया कि मुंबई और कोलकाता की आर-वैल्यू से पता चलता है कि वहां महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है. उन्होंने पीटीआई को बताते हुए कहा कि  इसका कारण यह हो सकता है कि ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के नए दिशानिर्देशों के अनुसार संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की अनिवार्यता को हटा दिया गया है और इसलिए पहले की तुलना में संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे हैं.

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