Monday, October 20, 2025
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Omicron SubVariant – भारत में पैर पसार रहा कोरोना का नया सब-वेरिएंट, जानिए कितना घातक है ये वायरस

कोरोना वायरस महामारी के अलग-अलग वेरिएंट्स दुनिया के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं. वायरस का हर वेरिएंट पिछले की तुलना में अलग होता है. शरीर में उसके प्रभाव के साथ-साथ लक्षण भी अलग तरह का असर दिखा रहे है. कोरोना वायरस के वेरिएंट्स के बाद अब उसके सब-वेरिएंट्स भी सामने आने लगे हैं. ओमिक्रोन के प्रकोप से जूझ रहे विश्व को अब इसके सब-वेरिएंट स्टेल्थ ओमिक्रोन (Stealth Omicron – BA.2) का सामना करना पड़ा रहा है. स्टेल्थ ओमिक्रोन के मामले अब तक भारत, डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर समेत कई देशों में सामने आ रहे हैं.

Omicron Sub-lineage BA.2 Under Investigation

पिछले साल के अंत में यूरोप में अपना कहर बरपा चुके डेल्टा वेरिएंट की तुलना में नया सब-वेरिएंट स्टेल्थ ओमिक्रोन को डेल्टा से अधिक संक्रामक माना जा रहा है. हालांकि डेल्टा वेरिएंट की तरह ये अत्यधिक घातक नहीं है लेकिन तेजी से बढ़ रहे इसके केसेज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये वेरिएंट कई बार RT-PCR टेस्ट की पकड़ में भी सामने नहीं आ रहा है.

इससे पहले के सारे वेरिएंट्स RT-PCR टेस्ट में सामने आ जाते थे, इसी वजह से इस सब-वेरिएंट को स्टेल्थ ओमिक्रोन का नाम दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, “अब तक ओमिक्रोन का BA.1 लीनिएज प्रमुख रहा है लेकिन भारत, दक्षिण अफ्रीका, यूके और डेनमार्क के हालिया डेटा बताते हैं कि BA.2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.” हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रोन के लक्षण डेल्टा वेरिएंट से अलग हैं. ओमिक्रोन के ज्यादातर मामलों में नाक बहने और गले में चुभन की शिकायत है.

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Covid testing- RT-PCR tests

डेटा के अनुसार इसके मरीजों को स्वाद या सुगंध में कमी का एहसास नहीं देखने को मिल रहा है जैसा कि कोरोना के पिछले कई वेरिएंट्स में पाया गया था. पुख्ता तौर पर स्टेल्थ ओमिक्रोन के अब तक कोई अलग लक्षण देखने को नहीं मिले हैं. लोगों के गले में खराश होने के बावजूद भी RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल बहती नाक, सिर दर्द, थकान, छींक आना और गले में खराश जैसे लक्षण स्टेल्थ ओमिक्रोन के मरीजों में देखने को मिल रहे हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा भयानक है या नहीं, इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के हालिया अपडेट के अनुसार BA.2 से भी मरीजों की परिस्थिति गंभीर होने की संभावना है.

WHO | World Health Organization

अस्पताल में भर्ती होने का खतरा भी हो सकता है. WHO का कहना है कि BA.2 में 28 से ज्यादा अनोखे म्यूटेशन हो सकते हैं. जहां BA.1 में ऐसा म्यूटेशन है, जिसे RT-PCR टेस्ट में पकड़ना आसान होता है, जबकि शोधकर्ताओं के अनुसार स्टेल्थ ओमिक्रोन के साथ ऐसा नहीं है. साथ ही भारत में मिले मामलों के अनुसार BA.2 स्ट्रेन मरीज के फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान कर रहा है. इससे वेरिएंट से संक्रमित हुए नए मरीजों के फेफड़ों में भी 5% से 40% तक इंफेक्शन देखने को मिला है. फिलहाल लैब RT-PCR को ही सभी वेरिएंट के लिए स्टैंडर्ड टेस्ट माना जा रहा है

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