क्या भारत में भी समलैंगिक विवाह यानी Same Gender Marriage की अनुमति मिलेगी? सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से इस सवाल का जवाब मिल सकता है। दरअसल, इस संबंध में दिल्ली और केरल के हाई कोर्ट में याचिकाएं दर्ज की गई थीं। याचिकाओं में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई होगी। दोनों याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए अपील की गई थी।

इससे पहले 25 नवंबर 2022 को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत समलैंगिक विवाह को रद्द करने की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था। CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने हैदराबाद के एक समलैंगिक जोड़े द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई की मंजूरी दी थी। दोनों करीब दस साल से रिलेशनशिप में हैं।

दो याचिकाएं दायर
याचिका – 1: पहली याचिका हैदराबाद के सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग की है। दोनों करीब 10 साल से साथ रह रहे हैं। दोनों ने परिवार के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए मैरिज कम कमिटमेंट सेरेमनी आयोजित की थी। अब चाहते हैं कि उनकी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता दी जाए।
याचिका – 2: दूसरी याचिका पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज आनंद की है। ये दोनों 17 साल से साथ रह रहे हैं। दोनों मिलकर दो बच्चों की परवरिश भी कर रहे हैं, लेकिन कानूनी रूप से शादी अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
इन देशों में लीगल है समलैंगिक विवाह
- अर्जेटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- कनाडा
- क्यूबा
- डेनमार्क
- फिनलैंड
- फ्रांस
- जर्मनी
- माल्टा
- न्यूजीलैंड
- दक्षिण अफ्रीका
- स्वीडन
- ताइवान
- ब्रिटेन
- अमेरिका