हनुमान भक्त मंगलवार के दिन चालीसा का जाप करते हैं. शक्ति और साहस का प्रतिक माने जाने वाले भगवान हनुमान की इस चालीसा में 3 दोहे और 40 चौपाई लिखी गई हैं. सिर्फ मंगलवार ही नहीं बल्कि किसी भी दिन लोग अपने मन से भय को भगाने के लिए हनुमान चालीसा की कुछ चौपाई पढ़ने लग जाते हैं.
कलयुग में भगवान श्रीराम भक्त हनुमान ऐसे साक्षात और जाग्रत देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं। हनुमान जी की उपासना से सुख, शांति, आरोग्य एवं लाभ की प्राप्ति होती है।। नकारात्मक शक्तियां भी हनुमानजी के भक्तों को परेशान नहीं करती। हनुमानजी की महिमा और भक्त हितकारी स्वभाव को देखते हुए तुलसीदासजी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा की रचना की थी। इस चालीसा का नियमित या मंगलवार, शनिवार को पाठ करने के बहुत से चमत्कारी लाभ मिलते हैं।

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से ये परेशानियों होती है दूर :-

हर तरह की इच्छाएं होती हैं पूरी
हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान को अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता कहा गया है. जो लोग नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उनकी हर मनोकामनाएं हनुमान जी पूरी करते हैं. हनुमानजी अपने ऐसे भक्तों पर कभी भी और किसी भी तरह की बुरी नजर पड़ने नहीं देते हैं.

गंभीर बीमारियों से मिलता है छुटकारा
हनुमान चालीसा में एक दोहा का वर्णन मिलता है नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा ।। जो लोग अक्सर किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहते हैं और इलाज के बाद भी उनको कोई फायदा नहीं मिलता है. उन्हें नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति निरोगी और सुंदर काया प्राप्त होती है.

आत्मविश्वास में होती है वृद्धि
जो लोग रोजाना हनुमानजी की पूजा करते हैं और नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. ऐसे लोग आत्मविश्वास के बल पर हर एक कठिन काम को बहुत ही आसानी के साथ करने में कामयाब हो जाते हैं.

अनजाने भय से मिलता है छुटकारा
हनुमान चालीसा में एक दोहा है ‘भूत पिशाच निकट नहीं आए,महावीर जब नाम सुनावे. जो लोग किसी अनजाने भय के कारण डरे हुए होते हैं उनके लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत फायदा दिलाता है. हनुमान चालीसा के पाठ करने से भूत-प्रेत और कई तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. क्योंकि माना जाता है कि हनुमान जी सभी बुरी शक्तियों से अपने भक्तों को छुटकारा दिलाते हैं।

आर्थिक परेशानियां होती हैं दूर
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में आर्थिक परेशानियां पीछा नहीं छोड़ती हैं और व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस जाता है तो उसे नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा के पाठ से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

कार्य में हासिल होती हैं सफलताएं
जो लोग नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उनके किसी भी काम में कोई बाधा नहीं आती है. व्यक्ति बहुत ही आसानी के साथ सभी बाधाओं को पार करते हुए सफलता प्राप्त करता है.

साढे़ साती एवं शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए
एक बार शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनिदेव कभी कष्ट देंगे। इसलिए शनि की साढ़ेसाती या ढैया के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायक है।
