बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर सियासी घमासान मच चुका है। एक तरफ जहां बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है, तो वहीं संत समाज में भी भारी आक्रोश है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है, चंद्रशेखर से पूछकर बताएंगे। बिहार के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस पर दिए अपने बयान पर कायम है। उन्होंने अपने बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि रामचरितमानस में कई अच्छी बातें भी हैं, लेकिन जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा कि अपमानित करने वाले दोहे हटाए जाएं। वहीं, बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंद्रशेखर को तुरंत बर्खास्त करें।

बिहार के शिक्षा मंत्री ने क्या कहा था?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धर्म पुस्तक रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है। उनके इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा, “मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई गालियां दी गई थीं। रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं।”