यूपी में आज तीसरे चरण और पंजाब में एक ही चरण में 20 फ़रवरी को होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार खत्म हो गया. लेकिन पंजाब की सियासत में वोटिंग से ऐन पहले हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया है. दरअसल, गुरुवार को ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आम आदमी पार्टी और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फ़ॉर जस्टिस के संबंधों की जांच कराने की जो मांग की थी, उसे केंद्र सरकार ने फौरन मानते हुए पंजाब से लेकर दिल्ली तक सियासी तूफान ला दिया है.

केजरीवाल ने जताई थी FIR दर्ज होने की आशंका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चन्नी को जवाब देते हुए आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और वह दोनों के बीच कथित संबंधों की जांच कराएगी. लिहाज़ा, सियासी गलियारों में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां कुछ बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं. शाह का ये बयान आने से पहले ही केजरीवाल ने आज पंजाब में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने खिलाफ मामला दर्ज होने की आशंका जताकर इस संभावना को और भी मजबूत कर दिया है.

केजरीवाल ने कहा कि “100 साल पहले भगत सिंह को अंग्रेजों ने आतंकवादी बोला था. 100 साल बाद भगत सिंह के चेले को आतंकवादी कहा जा रहा है. अगले एक दो दिन में NIA मेरे खिलाफ FIR दर्ज की करेगी. उसका स्वागत है, लेकिन यह सुरक्षा से खिलवाड़ है. एक तरफ कह रहे हैं कि आतंकवादी हूं, फिर कह रहे हैं कि कांग्रेस RSS का एजेंट हूं. फिर तो पूरी RSS, पूरी कांग्रेस भी आतंकवादी है.” पंजाब में मतदान से ठीक पहले केंद्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच छिड़ी इस जंग का असर वहां के वोटरों पर पड़ना भी तय माना जा रहा है, लेकिन इसका फायदा किसको मिलेगा, ये हक़ीक़त तो 10 मार्च को चुनावी-नतीजे आने के बाद ही पता चलेगी.

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और अन्ना आंदोलन के वक़्त से केजरीवाल के सहयोगी रहे कुमार विश्वास ने हाल ही में ये आरोप लगाकर पंजाब की सियासत में सनसनी फैला दी थी कि आम आदमी पार्टी के खालिस्तानियों से लिंक हैं और इसे लेकर उन्होंने बातचीत का एक वीडियो भी जारी किया है. हालांकि आप नेताओं ने इसे फर्जी करार देते हुए इसे केजरीवाल को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. आप नेता राघव चड्डा ने सवाल पूछा है कि अगर ये वीडियो सही है, तो कुमार विश्वास ने साल 2017 के विधानसभा चुनावों के वक्त इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया था.

चन्नी ने एक ट्वीट के जरिए लिखा, ”पंजाब के सीएम के रूप में, मैं प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध करता हूं कि हाल ही में कुमार विश्वास ने जो कहा है, इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए. साथ ही कहा कि राजनीति एक तरफ, पंजाब के लोगों ने अलगाववाद से लड़ते हुए भारी कीमत चुकाई है. पीएम को हर पंजाबी की चिंता दूर करने की जरूरत है.” इसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने CM चन्नी को लिखा है, ”एक राजनीतिक पार्टी का देश विरोधी, अलगाववादी और और प्रतिबंधित संस्था से संपर्क रखना और चुनाव में सहयोग प्राप्त करना देश की अखंडता के दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर है.
इस प्रकार के तत्वों का एजेंडा देश के दुश्मनों के एजेंडे से अलग नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है कि सत्ता पाने के लिए ऐसे लोग अलगाववादियों से हाथ मिलाने से लेकर पंजाब और देश और देश को तोड़ने की सीमा तक जा सकते हैं.”
गृहमंत्री शाह ने आगे लिखा, ”इस विषय पर मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. भारत सरकार ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है और मैं स्वयं इस मामले को गहराई से दिखवाऊंगा.”