बच्चों ने पूछा कि विपक्ष की आलोचनाओं को प्रधानमंत्री किस तरह लेते हैं और किस तरह उनसे बचा जा सकता है। इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सिद्धांत रूप से मानता हूं कि लोकतंत्र के लिए आलोचना शुद्धि का यज्ञ है। आलोचना समृद्ध लोकतंत्र की पूर्व शर्त है।’
‘आजकल राजनीति में आरोप लगाए जाते हैं। आरोपों की परवाह नहीं करना चाहिए। आरोपों को बक्से में डाल दीजिए, लेकिन आलोचना को गंभीरता से लीजिए।’

‘आरोप लगाना आसान है, लेकिन आलोचना करने के लिए बहुत मेहनत लगती है, बहुत अध्ययन करना पड़ता है, विश्लेषण करना पड़ता है, जानकारी जुटाना पड़ती है।’
पीएम मोदी ने संसद की कार्यवाही का उदाहरण देते हुए बताया, ‘संसद में जब हमारा कोई सांसद अच्छी तैयारी करके आता है, लेकिन विपक्ष का कोई सदस्य उसे टोंक देता है तो वह विचलित होता है तो अपनी बात से भटक जाता है। इसलिए दूसरे क्या कह रहे हैं, उस पर अधिक ध्यान देने के बजाए अपने काम पर फोकस करें।’